NEET UPDATE: पुनः परीक्षा, पेपर लीक, अनुचित अनुग्रह अंक और अनियमितताएं
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) भारत में एक उल्लेखनीय रूप से आक्रामक नैदानिक सामने की परीक्षा है। यह सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों में स्नातक चिकित्सा (MBBS), दंत चिकित्सा (BDS), और आयुष (BAMS, BHMS, और कई अन्य) प्रकाशनों को आगे बढ़ाने के इच्छुक कॉलेज के छात्रों के लिए आयोजित की जाती है। इसके महत्व को देखते हुए, NEET अक्सर विभिन्न विवादों और विवादों का केंद्र बन जाता है। NEET परीक्षा से जुड़ी कुछ
सामान्य समस्याएं और विवाद इस प्रकार हैं:
प्रश्न पत्र विवाद
प्रश्नों में त्रुटियाँ:
कभी-कभी, NEET प्रश्न पत्रों में त्रुटियाँ या अस्पष्ट शब्दों वाले प्रश्न होते हैं, जिससे उत्तरों और धुंधला योजनाओं की शुद्धता के बारे में विवाद होता है।
क्षेत्रीय भाषा विसंगतियाँ:
विशिष्ट भाषाओं में प्रश्न पत्रों के बीच विसंगतियाँ छात्रों के कुछ संगठनों के लिए भ्रम और अनुचित लाभ या हानि पैदा कर सकती हैं।
पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न में परिवर्तन
बार-बार होने वाले परिवर्तन: पाठ्यक्रम या परीक्षा पैटर्न में अचानक परिवर्तन उन कॉलेज के छात्रों के लिए कठिन हो सकते हैं जो पिछले पैटर्न के आधार पर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
देश के पाठ्यक्रम का बेमेल होना:
NEET के पाठ्यक्रम और विभिन्न देश के स्कूली शिक्षा मंचों के पाठ्यक्रम के बीच अंतर कुछ राज्यों के कॉलेज के छात्रों को भी परेशान कर सकता है।
आरक्षण और कोटा मुद्दे
कोटा विवाद:
विभिन्न कोटा (देश कोटा, नियंत्रण कोटा और आरक्षित वर्ग सहित) के तहत सीटों का आवंटन अक्सर आपराधिक लड़ाई और विवादों में समाप्त होता है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा: EWS कोटा का कार्यान्वयन विवादास्पद रहा है, जिससे बहस और कानूनी चुनौतियाँ पैदा हुई हैं।
परीक्षा संचालन और समानता
धोखाधड़ी और कदाचार: परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी, प्रतिरूपण और विभिन्न कदाचार के मामले सामने आए, जिससे परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता पर सवाल उठे।
परीक्षा केंद्र की समस्याएँ:
निरीक्षकों द्वारा अनुचित आचरण, अपर्याप्त सुविधाएँ या परीक्षा केंद्रों पर रसद संबंधी समस्याएँ भी छात्रों को निराश कर सकती हैं और विवाद का कारण बन सकती हैं।
पात्रता और प्रवेश तकनीक
प्रवेश में असंगतताएँ:
पात्रता मानदंडों और प्रवेश रणनीति की व्याख्या में अंतर छात्रों और संस्थानों के बीच भ्रम और विवाद का कारण बन सकता है।
कट-ऑफ अंक:
एक-एक तरह की कक्षाओं के लिए कट-ऑफ अंकों की घोषणा और निर्धारण अक्सर असहमति और कानूनी चुनौतियों का कारण बनता है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ
कोविड-19 महामारी: महामारी के दौरान, NEET परीक्षा के संचालन को लेकर काफी विवाद हुए, जिसमें छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई।
राज्य बनाम राष्ट्रीय परीक्षा बहस
राज्य मूल्यांकन:
कुछ राज्यों ने NEET के स्थान पर अपने स्वयं के वैज्ञानिक प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे मुख्य अधिकारियों के साथ आपराधिक और प्रशासनिक विवाद उत्पन्न हुए हैं।
कानूनी और प्रशासनिक प्रतिक्रियाएँ
न्यायालय के मामले:
इनमें से कई विवादों ने विभिन्न न्यायालयों में आपराधिक लड़ाई का कारण बना है, जिसमें भारत का सर्वोच्च न्यायालय भी शामिल है, जिसे कई मौकों पर हस्तक्षेप करना पड़ा और निर्णय देने पड़े।
सरकारी नियम:
केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने समय-समय पर इन समस्याओं से निपटने के लिए नियम जोड़े हैं, हालाँकि ये नियम अक्सर विवाद का विषय बन जाते हैं।
हाल ही में अपडेट
किसी भी चल रहे या वर्तमान NEET विवाद पर अधिकतम अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए, विश्वसनीय स्रोतों या राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) या भारत में शिक्षा मंत्रालय जैसे निकायों की वैध घोषणाओं से आज की जानकारी की जाँच करना फायदेमंद है।
यदि आपके मन में NEET परीक्षा विवाद का कोई विशिष्ट घटक है, तो कृपया अधिक जानकारी प्रदान करें, और मैं अधिक केंद्रित तथ्य या विश्लेषण प्रदान कर सकता हूँ।
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